मंगलवार, 10 जनवरी 2017

मन की बात ,,लिली और गीतांजली के साथ 😊

आज एक पोस्ट पर मेरी और गीतांजली के बीच काव्यमयी वार्तालाप हुआ जो ह्दय स्पर्शी लगा,,मैने इसे सदा के लिए अपने पास संजो लिया।




गीतांजली  *  हिरदय होय बेकल और शब्द भय गऐ मौन
                 मन खोयो वीरानी मे तुम बिन समझे कौन

लिली     *   मौन भए जब शब्द तो भाव बहे प्रबल
                सखी तुहारी पीर को मुझसा समझे कौन

गीतांजली *  इक तू ही तो है सखी जो समझे मोरी बात
                जान बूझ कर नित करू तेरे  चित पर घात

लिली   *     लिली गीतांजली यूँ जुड़ी ज्यों दिन और रात
                घात नही ये सखी प्रेम है मोहे लगे पुष्प पात।

लिली      *    दिल की विरानियों मे तुझ संग रहूँ चपल
                  कह दे सारी बीतणीं मुझ सा सुनेगा कौन।

गीतांजली   *  विरानी भी लगे तुझ संग सखी मनोहर
                   बिन कहे सब बूझ ले तू  है मोरी धरोहर

  

2 टिप्‍पणियां:

  1. Tum bin sakhion preet naahi...
    Naa hi mn me peer...
    Lily geetanjali ne rkha
    Apne dil ko cheer...
    Koi na sune mn ki vyatha..
    Koi na boojhe baat...
    Itnaa khoobsurat kr dia...
    Mn ko apne vyapt....❤❤

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  2. Tum bin sakhion preet naahi...
    Naa hi mn me peer...
    Lily geetanjali ne rkha
    Apne dil ko cheer...
    Koi na sune mn ki vyatha..
    Koi na boojhe baat...
    Itnaa khoobsurat kr dia...
    Mn ko apne vyapt....❤❤

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