🌺🌿ॐ नमः शिवाय 🌿🌺
जो करूँ दुग्ध अभिषेक पहले
दूँ मधु से लेप हौले
फिर मलूँ घृत स्नेहल
धर धतुर के पुष्प उज्जवल
बेल पत्र की माल गुथ कर
उर सजा दूँ भोले शंकर
जड़ को चेतन क्या करोगे?
मुझको अपनी शरण लोगे?
जो समर्पित भाव लेकर
सत अर्पणा का स्राव लेकर
दूँ तपा कई जन्म अपनेतज दूँ सारे स्वार्थ-सपने
बन अघोरी घोर त्याक्ता
धर योग तेरी साधना का
सब युग्म बंधन खोल दोगें?
मुझको अपनी शरण लोगे?
मथ रही हूँ भव समन्दर
उठ रहे मणि अमि बवन्डर
विष का सोता रिस रहा जो
तुम सा उसका पान कर लूँ
छोड़ सारी मोहमाया
मैं कंठनील का ध्यान धर लूँ
शव को मेरे शिव करोगे?
मुझको अपनी शरण लोगे?
मुझको अपनी शरण लोगे?
मथ रही हूँ भव समन्दर
उठ रहे मणि अमि बवन्डर
विष का सोता रिस रहा जो
तुम सा उसका पान कर लूँ
छोड़ सारी मोहमाया
मैं कंठनील का ध्यान धर लूँ
शव को मेरे शिव करोगे?
मुझको अपनी शरण लोगे?
लिली🌿