(गुल्लू अपनी अध्यापिका के साथ)
*बालकविता*
गुल्लू बोला मम्मी से ,
आज क्लास मे मैडम जी ने
बड़े पते की बात बताई-
खेल-खेल मे हम बच्चों कों
बड़े मज़े की बात सिखाई।
पता है तुमको अपनी पृथ्वी,
गोल है बिल्कुल गेंद के जैसी।
लटक रही आकाश मे ऐसी,
बिन डंडी के सेब के जैसी।
बिना थके चक्कर ये काटे,
सूरज के चारो ओर।
जादू की शक्ति तो देखो,
सब कुछ खींचें अपनी ओर।
बातें सुनकर मम्मी भी
मन ही मन मुस्काईं।
बात ज्ञान की मैडमजी ने,
बड़ी सहजता से सिखलाई।
बहुत सुंदर कविता 🙂🙂
जवाब देंहटाएंBeautiful Lines...
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