गुरुवार, 15 सितंबर 2016

तुम चाँद मै चाँदनी

                   
                      चाँद हो तुम मै चाँदनी हूँ
                      तुम्हारे प्यार की रोशनी हूँ
                      चमक तुम्हारी दिल की दमक
                      ओ मेरे राग मै तेरी रागिनी हूँ।

मेघ हो तुम मै दामिनी हूँ
तुम्हारे कल्पनाओं की कामिनी हूँ
लिए भावनाओ के रंग जामनी हूँ
थाम हाथ चलूँ मै जीवनसंगिनी हूँ।

                     सागर हो तुम मै तरंग हूँ
                    तुम्हारे प्रेमधुन मे मस्तमलंग हूँ
                    कभी शांत तो कभी हुड़दंग हूँ
                    जीवन की लहरों मे तेरे संग हूँ।

2 टिप्‍पणियां:

  1. "कभी शांत तो कभी हुडदंग हूँ
    जीवन की लहरों में तेरे संग हूँ।"
    एक बेहतरीन सोच और सुन्दर कविता। मनोभावों को एक कविता में सिलसिलेवार ढंग से पिरो देना प्रतिभा है।

    जवाब देंहटाएं
  2. "कभी शांत तो कभी हुडदंग हूँ
    जीवन की लहरों में तेरे संग हूँ।"
    एक बेहतरीन सोच और सुन्दर कविता। मनोभावों को एक कविता में सिलसिलेवार ढंग से पिरो देना प्रतिभा है।

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