(चित्र के लिए प्यारी नेहा को आभार)
आपने तो अल्फाज़ों को महका दिया,
गुलाब से चेहरे से जब नक़ाब हटा दिया।
एक तो गुलाब उस पे शबनम सा शबाब,
ठगे से हम, देखते रहे हुस्न का आब ।
सुनहरी धूप सा खिला नूरानी चेहरा,
माथे पर लहराती जुल्फ़ों का पहरा।
कमान सी भौओं बीच तारे सी बिन्दिया,
ख्वाबों में खोई निगाहें उड़ाए निन्दिया।
सुर्ख होंठों पर बिखरी तब्बसुम सी नमी,
मासूम सी सूरत जैसे कोई खिलती कली ।
हुस्न की तासीर ने फितरत को बहका दिया
गुलाब से चेहरे से जब नक़ाब हटा दिया ।
आपने तो अल्फाज़ों को महका दिया,
गुलाब से चेहरे से जब नक़ाब हटा दिया।
एक तो गुलाब उस पे शबनम सा शबाब,
ठगे से हम, देखते रहे हुस्न का आब ।
सुनहरी धूप सा खिला नूरानी चेहरा,
माथे पर लहराती जुल्फ़ों का पहरा।
कमान सी भौओं बीच तारे सी बिन्दिया,
ख्वाबों में खोई निगाहें उड़ाए निन्दिया।
सुर्ख होंठों पर बिखरी तब्बसुम सी नमी,
मासूम सी सूरत जैसे कोई खिलती कली ।
हुस्न की तासीर ने फितरत को बहका दिया
गुलाब से चेहरे से जब नक़ाब हटा दिया ।
खूबसूरत चेहरा
जवाब देंहटाएंखूबसूरत शब्द
खूबसूरत मुस्कराहट
खूबसूरत अभिव्यक्ति।