शुक्रवार, 30 दिसंबर 2016

कुछ खोया ,,कुछ पाया,,

                        ( चित्र इन्टरनेट से)


            ज़िन्दगी का एक वर्ष कुछ नए अनुभव जोड़ गया
           अनमोल पलों के संग कुछ खट्ट-मिट्ठी यादें जोड़ गया।

अधूरी ख्वाहिशों को पूरा करने को 365 दिन जोड़ गया
जो मिल गई बिन मांगे उनसे खुशिया जोड़ गया।

         जीवन पथ पर छूट गए कुछ हाथ हमारे अपनों के
         पर यह भी सुन्दर काम किया कुछ नए रिश्ते जोड़ गया।

जाने वाला तो जाता हैं आने वाले के स्वागत में
कुछ और अनोखा देने को वो एक अनोखा जोड़ गया।

       कोई सपना साकार हुआ ,कुछ बिन जागे दम तोड़ गया
       नई उम्मीदों की नवल प्रातः संग नवल लक्ष्य जोड़ ।

उत्साह ,कौतूहल, जिज्ञास के कुछ अद्भुत उत्तर छोड़ गया
नई उमंगों नये क्षितिज संग एक और नववर्ष जोड़ गया।




2 टिप्‍पणियां:

  1. Nav varsh ka bhavmay vandan...
    Kuch khobkr paaya. Kuch pa kr khoya..
    Sunder varnan... lily di..
    Nav varsh ki hardik shubhkaamnayein

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    ज़िन्दगी का एक वर्ष
    ज़िन्दगी का है उत्कर्ष
    ज़िन्दगी का एक पल
    दे जाए अनेक विमर्श

    ज़िन्दगी में एक साथ
    ज़िन्दगी हंसे सहर्ष
    ज़िन्दगी का एक ताल
    ज़िन्दगी कर दे मालामाल।

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