(चित्राभार इंटरनेट)
टेसू मेरे मन के
चटखीले से
और
तुम आसमानी
कैनवास बने
मुझे अपने पटल
पर सजाए
चित्रकारी की ऐसी
मिसाल ना मिले शायद
रख लूँ सहेज कर
सदा के लिए
अपने दिलो दमाग़ के
एलबम में
ना जाने कब,,
मौसम बदल जाए
और टेसू झर जाएं
पर
सुनो ना
तुम अपना
आसमानी कैनवास लिए
ऐसे ही फैले रहना
मेरी शुष्क शाखाओं
को अपने पटल पर
सजाए
मैं फिर खिल जाऊँगीं
तुम्हारे नीलाभ की
आगोश का स्नेह
पाकर,,
टेसू मेरे मन के
चटखीले से
और
तुम आसमानी
कैनवास बने
मुझे अपने पटल
पर सजाए
चित्रकारी की ऐसी
मिसाल ना मिले शायद
रख लूँ सहेज कर
सदा के लिए
अपने दिलो दमाग़ के
एलबम में
ना जाने कब,,
मौसम बदल जाए
और टेसू झर जाएं
पर
सुनो ना
तुम अपना
आसमानी कैनवास लिए
ऐसे ही फैले रहना
मेरी शुष्क शाखाओं
को अपने पटल पर
सजाए
मैं फिर खिल जाऊँगीं
तुम्हारे नीलाभ की
आगोश का स्नेह
पाकर,,
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