मंगलवार, 23 अक्तूबर 2018

यथार्थ

                       (चित्राभार इंटरनेट)

#यथार्थ
🌵🌷🌵🌷

ऊपर वाले का
करिश्मा,,
क्या कहिए,,!!

दिमाग़ बनाया
दिल बनाया,,
फिर
पेट बना दिया,,
और
आकार इसका
दिल और दिमाग़
से थोड़ा नही,,
बहुत बड़ा बना दिया,,
फिर क्या था,,,,
पेट भरने के लिए,,
दिमाग़ ने सोचना,,
और
दिल ने धड़कना शुरू कर दिया,,

दिमाग़ ने खिलाफ़त की,,
तो
पेट की भूख ने आकार बढ़ा लिया,,
दिल ने बग़ावत की
तो
दिमाग़ ने उसे समझा दिया,,
जीत आखिर पेट की हुई,,

ख़याल,सोच,एहसास,जज़्बात
अब रोटी के निवाले
से ही चलते हैं,,
भावनाओं के पाचक रस
भी पेट की चौखट पर
मथ्था टेक के निकलते हैं,,,
लिली😊

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