(चित्राभार इन्टरनेट)
#रवीन्द्रगीत_अनुवाद
#आमी_तोमार_शोंगें_बेंधेछी_आमार_प्रान
मैने संग तुम्हारे बांध लिए
निज प्राण,,
हृदय स्पन्दन के सुर संग तान लिए
निज प्राण
तुम ना जानो प्रियतम्!
तुम जानो ना,,,,
बंधी प्रीत अंजाने साधन संग
जिसमें घुलती पुष्प सुगंध
जिसमे घुलते कवियों के छंद
तुम ना जानो प्रियतम!
तुम जानो ना ,,
आच्छादित तुमको कर रखा मैने
छंद-गंध की छाया से
अरूप सुवासित छवि तुम्हारी,
है प्रज्जवलित फाल्गुनी काया से,,
बासंती बंसुरि के सुर
गुंजित सुदूर दिगदिगंत
सोनाली आभा से है कंपित
नील उत्तरीय भर आनंद
तुम ना जानो प्रियतम
तुम जानो ना
मैने संग तुम्हारे बांध लिए
निज प्राण
हृदयस्पंदन के सुर संग तान लिए
निज प्राण
लिली😊
#रवीन्द्रगीत_अनुवाद
#आमी_तोमार_शोंगें_बेंधेछी_आमार_प्रान
मैने संग तुम्हारे बांध लिए
निज प्राण,,
हृदय स्पन्दन के सुर संग तान लिए
निज प्राण
तुम ना जानो प्रियतम्!
तुम जानो ना,,,,
बंधी प्रीत अंजाने साधन संग
जिसमें घुलती पुष्प सुगंध
जिसमे घुलते कवियों के छंद
तुम ना जानो प्रियतम!
तुम जानो ना ,,
आच्छादित तुमको कर रखा मैने
छंद-गंध की छाया से
अरूप सुवासित छवि तुम्हारी,
है प्रज्जवलित फाल्गुनी काया से,,
बासंती बंसुरि के सुर
गुंजित सुदूर दिगदिगंत
सोनाली आभा से है कंपित
नील उत्तरीय भर आनंद
तुम ना जानो प्रियतम
तुम जानो ना
मैने संग तुम्हारे बांध लिए
निज प्राण
हृदयस्पंदन के सुर संग तान लिए
निज प्राण
लिली😊
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