गरमियों की छुट्टी आई,
मेरे मन मे मस्ती छाई।
नानी के घर जा कर,
हमने खाई खूब मिठाई।
गरमी ने कर दी हालत खस्ती,
आए पसीना छाए सुस्ती।
फिर भी गरमी अच्छी लगती,
चलती है अपनी मनमर्जी।
नही पढ़ाई,नही लिखाई,
खाली मस्ती और लड़ाई।
मम्मी से फिर पड़े पिटाई,
गरमियों की छुट्टी आई।
मेरे मन मे मस्ती छाई।
नानी के घर जा कर,
हमने खाई खूब मिठाई।
गरमी ने कर दी हालत खस्ती,
आए पसीना छाए सुस्ती।
फिर भी गरमी अच्छी लगती,
चलती है अपनी मनमर्जी।
नही पढ़ाई,नही लिखाई,
खाली मस्ती और लड़ाई।
मम्मी से फिर पड़े पिटाई,
गरमियों की छुट्टी आई।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें