छोटू मेरा नटखट है,
भागे देखो सरपट है,
सारे दिन शैतानी करता,
नही किसी से है वो डरता।
सोफे से नीचे वो कूदे,
दादा जी का ऐनक छेड़े।
नल का पानी खुल्ला छोड़े,
कभी पटक कर चीजे तोड़े।
डाँट पड़े तो प्यार दिखाए,
सारा गुस्सा दूर भगाए।
करता कितनी बड़बड़ है,
चुप्पी इसकी गड़बड़ है।
छोटू मेरा नटखट है,
भागे देखो सरपट है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें