सोमवार, 6 जून 2016

अमलतास

  
         शुष्क गर्मियों मे भी मिलती भीगी हुई  रात है..
         दिल मे हो जोश और हौसला बुलंद ,बन जाती बिगड़ी             हुई बात है ..
          जो मिला खुशी उसे अपनाते चले तो ज़िन्दगी
          महकता हुआ 'अमलतास' है .....
     
          हर मोड़ पर एक नई चुनौती एक नए इम्तिहान की
          शुरूवात है
         जूझं कर उभरा है जो,नए युग का आगाज़ है
         मुस्कुराता हर दर्द में तो झूमता हर साज़ है
         ज़िन्दगी हर मोड़ पर महकता हुआ ' अमलतास' है  ।।
         
 
       


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