शुष्क गर्मियों मे भी मिलती भीगी हुई रात है..
दिल मे हो जोश और हौसला बुलंद ,बन जाती बिगड़ी हुई बात है ..
जो मिला खुशी उसे अपनाते चले तो ज़िन्दगी
महकता हुआ 'अमलतास' है .....
हर मोड़ पर एक नई चुनौती एक नए इम्तिहान की
शुरूवात है
जूझं कर उभरा है जो,नए युग का आगाज़ है
मुस्कुराता हर दर्द में तो झूमता हर साज़ है
ज़िन्दगी हर मोड़ पर महकता हुआ ' अमलतास' है ।।
दिल मे हो जोश और हौसला बुलंद ,बन जाती बिगड़ी हुई बात है ..
जो मिला खुशी उसे अपनाते चले तो ज़िन्दगी
महकता हुआ 'अमलतास' है .....
हर मोड़ पर एक नई चुनौती एक नए इम्तिहान की
शुरूवात है
जूझं कर उभरा है जो,नए युग का आगाज़ है
मुस्कुराता हर दर्द में तो झूमता हर साज़ है
ज़िन्दगी हर मोड़ पर महकता हुआ ' अमलतास' है ।।
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