एक गीत लिखो
तुम मेरे खातिर
जिसमे पायल
सी रूनझुन हो
सुर ढालों जब
अपने स्वर में
मन मे मद्धम
सी झुनमुन हो।
एक कथा रचो
तुम मेरे खातिर
जिसमे सपनों
की बस्ती हो,
आस-प्यास
सबपूरी होती
खुशियां सारी
सस्ती हों।
एक मौसम रख
दो मेरे खातिर
जिसमे सावन
ना सूना हो
बहे मधुमासी
समीर सुगंधी
आनंद सदा
ही दूना हो।
एक दीप जला
दो मेरे खातिर
जिसकी बाती
ना बुझती हो
मन मंदिर नित
आभा से भरता
ज्योत प्रेम की
जलती हो।
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