(चित्राभार इन्टरनेट)
दुश्मन के छक्के
छुड़ा दिए
दंभ के परचम
गिरा दिए
वीर सपूतों ने हंसकर
सीने को ढाल
बना दिए,,
परिवार के ऊपर
उन वीरों नें
देश को सर्वोपरि
माना,,
वीर सिपाही रहा
डटा
जब तक ना बैरी
धूल चटा
हुँकार भरी टंकारों
से शत्रु के
सीने चीर दिए,,
उस पुण्यतिथि के
अवसर पर
हृदयातल से मन
नतमस्तक है,
उन गौरवमयी
बलिदानों पर
'विजय-दिवस' की
दस्तक है,,
शत् शत् नमन
उन वीरों को
श्रृद्धा का सुमन
चढ़ा दिया,,,,
दुश्मन के छक्के
छुड़ा दिए
दंभ के परचम
गिरा दिए
वीर सपूतों ने हंसकर
सीने को ढाल
बना दिए,,
परिवार के ऊपर
उन वीरों नें
देश को सर्वोपरि
माना,,
वीर सिपाही रहा
डटा
जब तक ना बैरी
धूल चटा
हुँकार भरी टंकारों
से शत्रु के
सीने चीर दिए,,
उस पुण्यतिथि के
अवसर पर
हृदयातल से मन
नतमस्तक है,
उन गौरवमयी
बलिदानों पर
'विजय-दिवस' की
दस्तक है,,
शत् शत् नमन
उन वीरों को
श्रृद्धा का सुमन
चढ़ा दिया,,,,
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