(चित्राभार इन्टरनेट)
#बालकविता
चिड़िया रानी बड़ी सयानी
अपने मन की हो तुम रानी।
छोटे छोटे पैरों से तुम
फुदक फुदक कर चलती हो।
जाँच परख कर अच्छे से
फिर चोंच से दाना चुगती हो।
बड़ी गजब की फुर्तिली हो
चंचल कोमल शर्मिली हो।
कभी घास पर कभी डाल पर
चीं- चीं करती फिरती हो ।
खुले गगन में पंख पसारे
करती रहती हो मनमानी
चिड़िया रानी चिड़िया रानी
अपने मन की हो तुम रानी।
🐥लिली🐥
#बालकविता
चिड़िया रानी बड़ी सयानी
अपने मन की हो तुम रानी।
छोटे छोटे पैरों से तुम
फुदक फुदक कर चलती हो।
जाँच परख कर अच्छे से
फिर चोंच से दाना चुगती हो।
बड़ी गजब की फुर्तिली हो
चंचल कोमल शर्मिली हो।
कभी घास पर कभी डाल पर
चीं- चीं करती फिरती हो ।
खुले गगन में पंख पसारे
करती रहती हो मनमानी
चिड़िया रानी चिड़िया रानी
अपने मन की हो तुम रानी।
🐥लिली🐥
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