(बारिश में भींगता बम्बई का समन्दर)
आशिक किनारा
🍃🍃🍃🍃🍃🍃
बेइमान से मौसम में
बहका सा,,,,,,
समन्दर का,,,,,,
आशिक़ किनारा,,,
ऐठती लहरों में मचलती
हसरत लिए,,,,
समन्दर का,,,,,
आशिक़ किनारा,,,
कनखियों से लुक-छुप
कर देखती मेरी नज़र को,
शरारती मुस्कान लिए भांपता,,
समन्दर का,,,,
आशिक़ किनारा,,,,,
इश़्किया बारिश में
भींगती अपनी गठन,
दिखाकर लुभाता ,,,,,,
समन्दर का,,,
आश़िक किनारा,,
हया भरी आंखों में,,
दबे अरमानों की पलक,
गिराकर,,,,,
मैं बड़ी तेज़ी से
गुज़र आई,,
धड़कते दिल को अपने उभारों
से कुचल कर,,,
मैं बड़ी तेज़ी से
गुज़र आई,,,,,
देखना चाहा दिलभर के,,
पर देख ना पाई,,,
समन्दर का ,,,,
वो आश़िक किनारा,,,
~लिली
आशिक किनारा
🍃🍃🍃🍃🍃🍃
बेइमान से मौसम में
बहका सा,,,,,,
समन्दर का,,,,,,
आशिक़ किनारा,,,
ऐठती लहरों में मचलती
हसरत लिए,,,,
समन्दर का,,,,,
आशिक़ किनारा,,,
कनखियों से लुक-छुप
कर देखती मेरी नज़र को,
शरारती मुस्कान लिए भांपता,,
समन्दर का,,,,
आशिक़ किनारा,,,,,
इश़्किया बारिश में
भींगती अपनी गठन,
दिखाकर लुभाता ,,,,,,
समन्दर का,,,
आश़िक किनारा,,
हया भरी आंखों में,,
दबे अरमानों की पलक,
गिराकर,,,,,
मैं बड़ी तेज़ी से
गुज़र आई,,
धड़कते दिल को अपने उभारों
से कुचल कर,,,
मैं बड़ी तेज़ी से
गुज़र आई,,,,,
देखना चाहा दिलभर के,,
पर देख ना पाई,,,
समन्दर का ,,,,
वो आश़िक किनारा,,,
~लिली
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