अजि सुनते हो क्या!!!
ये पुरवा क्या कुछ कहती है,,,!
डाल पात सब बहकी है,,
बादल क्यों लेता अंगड़ाई!
क्यों ले हिचकोले तरुणाई?
अजि सुनते हो क्या,,,,,!!!
मगन गगन कुछ नटखट है
तपित धरा मन छटपट है
मुझको क्यों तुम्हरी याद आई?
क्यों बजती प्रीत की शहनाई
अजि सुनते हो क्या,,,!!
बोलो ना क्यों हो मौन धरे?
कहदो कुछ तो नहि चैन पड़े,,
मधु बैन कहो ओ हरजाई
क्यों समझों ना गोरी अकुलाई
अजि सुनते हो क्या,,,!
~लिली🌿
लिली मित्र बहुत सुंदर लिखा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद विनोदी जी 😊
हटाएंकहने को कुछ कह जाती
जवाब देंहटाएंयह पवन बारिया ढह जाती
होने को जो हो जाता क्या
तिनका प्रवाह में बह पाता क्या।
कहने को कुछ कह जाती
जवाब देंहटाएंयह पवन बयरिया ढह जाती
होने को जो हो जाता क्या
तिनका प्रवाह में बह पाता क्या।