(चित्राभार इन्टरनेट)
👶👶#बालकविता👶👶👶
ग़ुसलखान की
खिड़की पर,
रहती थी साबुन
की बट्टी,,
जब जाती दोपहर
बाद,
मिलती थी वह
चट्टी-बट्टी😢
रक्खे मिलते गुदड़ी
के ढेर
कतरन-शतरन,
जूट भतेर,,
बूझ ना पाती करता
कौन,,😰
चुपके से घुसता,
ना कोई टेर,,
ए•सी• के फांकों में
घुसकर,
भरी दुपहरी
कुटुर-कुटुर कर,
बुनती रहती
जाने क्या-कुछ ??
एक गिलहरी रहती
घुसकर,,
पकड़ में आई
साबुन चोर,,😈
उफ्फ ये करती
कितना शोर,,😤
भोली आंखें छोटे
कान,🐨
फुर्ती से भागे
हर ओर,,
शान्त दोपहरी में
कितनी बात😰😰
अच्छा भी लगता
इसका उत्पात,,😍
गझिन पूंछ इत-उत
लहरात
लिए धारियां नन्ही
सी गात,,
नटखट गिल्लू आए
ना पास,
झटपट भागे पाकर
आभास,,
पकड़ में आई नन्ही
शैतान,,
फिर भी लगती
मुझको खास❤
👶👶#बालकविता👶👶👶
ग़ुसलखान की
खिड़की पर,
रहती थी साबुन
की बट्टी,,
जब जाती दोपहर
बाद,
मिलती थी वह
चट्टी-बट्टी😢
रक्खे मिलते गुदड़ी
के ढेर
कतरन-शतरन,
जूट भतेर,,
बूझ ना पाती करता
कौन,,😰
चुपके से घुसता,
ना कोई टेर,,
ए•सी• के फांकों में
घुसकर,
भरी दुपहरी
कुटुर-कुटुर कर,
बुनती रहती
जाने क्या-कुछ ??
एक गिलहरी रहती
घुसकर,,
पकड़ में आई
साबुन चोर,,😈
उफ्फ ये करती
कितना शोर,,😤
भोली आंखें छोटे
कान,🐨
फुर्ती से भागे
हर ओर,,
शान्त दोपहरी में
कितनी बात😰😰
अच्छा भी लगता
इसका उत्पात,,😍
गझिन पूंछ इत-उत
लहरात
लिए धारियां नन्ही
सी गात,,
नटखट गिल्लू आए
ना पास,
झटपट भागे पाकर
आभास,,
पकड़ में आई नन्ही
शैतान,,
फिर भी लगती
मुझको खास❤
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