(चित्र इन्टरनेट से)
मौन कौन?
मै या मन,,?
मै कौन?
यदि मै मन नही
तो मन कौन?
खाली भौन
मे चित्कार
करे मौन
गूंजे पुकार
कहता कौन?
मै या मन?
जिह्वा शांत
अन्तर अशांत
विचलित प्रश्न
सुनता कौन?
मै या मन?
स्वयं से तर्क
स्वयं से वितर्क
जूझे निष्कर्ष
क्लांत कौन ?
मै या मन?
खोजे तट
लहरें विकट
द्वंद प्रकट
निकाले कौन?
मै या मन?
अन्तरद्वंद
चल रहा विषम
प्रतीक्षारत
अंत करे कौन?
मै या मन?
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वाह! सुंदर कल्पना, सुंदर और कसी हुई कविता और सुंदर अभिव्यक्ति। सोचने पर मजबूर करती हुई रचना।
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