मिलिए नटखट 'माही' से❤
खुशियों भरी सुराही से
छोटी सी एक गुड़िया है,
चटख चुटिली चुटपुटिया है।
बातों का भंडार समेटे,
प्यारी सी माही बिटिया है।
नटखट झट झट भागे ये
खोले दिमागी धागे ये।
समझो ना इसको भोली रे,
है शैतानी की झोली रे।
पिज़्जा इनको भाए है
बड़ी लगन से खाए है।
बाकी कुछ ना अच्छा लगता
मम्मी को खूब छकाए है ।
भइया के संग खेले भी
करे लड़ाई ठेले भी।
पापा की ये रनिया है
सबकी प्यारी मुनिया है।
खुशियों भरी सुराही से
***बालकविता**
छोटी सी एक गुड़िया है,
चटख चुटिली चुटपुटिया है।
बातों का भंडार समेटे,
प्यारी सी माही बिटिया है।
नटखट झट झट भागे ये
खोले दिमागी धागे ये।
समझो ना इसको भोली रे,
है शैतानी की झोली रे।
पिज़्जा इनको भाए है
बड़ी लगन से खाए है।
बाकी कुछ ना अच्छा लगता
मम्मी को खूब छकाए है ।
भइया के संग खेले भी
करे लड़ाई ठेले भी।
पापा की ये रनिया है
सबकी प्यारी मुनिया है।
बाल कविता भी लिख लेती हैं इतनी सहजता से। माही पर बाल कविता माही की तरह सुंदर और भोली है।
जवाब देंहटाएंTumhari kavita Mahi ki tarah pyaari hai 💕💕
जवाब देंहटाएं